Webinar on COVID Pandemic
जेसीडी कॉलेज ऑफ फार्मेसी एवं सन फार्मा द्वारा कोविड महामारी पर वेबीनार किया गया आयोजित
तनाव को समाप्त करने के लिए मन को प्रफुल्लित व स्वास्थ्य को स्वस्थ रखें: डॉ.नारंग
सिरसा 02 जून 2021 : जेसीडी विद्यापीठ में स्थापित फार्मेसी कॉलेज द्वारा कोविड एंड मेन्टल हेल्थ विषय पर वेबीनार आयोजित किया गया जिसमें विद्यापीठ की प्रबंध निदेशक डॉ. शमीम शर्मा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। वहीं वेबीनार में मुख्य वक्ता के तौर पर साइकाइट्रिक डॉ. अमित नारंग थे तथा विशिष्ट अतिथि के तौर पर सन फार्मा. कम्पनी के एरिया सेल्स मैनेजर राहुल मौजूद रहे। इस वेबीनार की अध्यक्षता कॉलेज की प्राचार्या डॉ. अनुपमा सेतिया द्वारा की गई। इस मौके पर सर्वप्रथम प्राचार्य डॉ. अनुपमा सेतिया ने मुख्यातिथि महोदया व मुख्य वक्ता का परिचय करवाया एवं आभार प्रकट करते हुए स्वागत किया।
इस वेबीनार में मुख्य वक्ता डॉ. अमित नारंग ने जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना वायरस के कारण मरीजों के फेफड़ों में सूजन आती है, धीरे-धीरे यह शरीर के अन्य अंगों की तरफ भी बढऩे लगती है तथा जिन रोगियों में यह सूजन दिमाग तक पहुंच जाती है, उनके ब्रेन की कार्यप्रणाली में बाधा उत्पन्न होती है और उन्हें अलग-अलग तरह की मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि मानसिक तनाव अंतहीन हो सकता जो कि हमारे लिए बहुत ही घातक साबित होता है इसीलिए तनाव मुक्त जीवन जीने के लिए अपने स्वास्थ्य को स्वस्थ रखें। उन्होंने कहा कि सकारात्मक स्ट्रेस तो हमारे लिए अच्छा होता है इससे आगे बढऩे के लिए प्रोत्साहन मिलता है लेकिन ज़्यादा स्ट्रेस मौत का कारण भी बन सकता है तथा यह तब होता है जब हमें आगे कोई रास्ता नहीं दिखता. घबराहट होती है, ऊर्जाहीन महसूस होता है. फि़लहाल महामारी को लेकर इतनी अनिश्चितता और उलझन है कि कब तक सब ठीक होगा, पता नहीं। ऐसे में सभी के तनाव में आने का ख़तरा बना हुआ है तथा इस तनाव का असर शरीर, दिमाग़, भावनाओं और व्यवहार पर पड़ता है। डॉ. नारंग ने कहा कि अपनी भावनाओं को ज़ाहिर करना चाहिए अगर डर, उदासी है तो अपने अंदर छुपाएं नहीं बल्कि परिजनों या दोस्तों के साथ शेयर करें. जिस बात का बुरा लगता है, उसे पहचानें और ज़ाहिर करें, लेकिन वो ग़ुस्सा कहीं और ना निकालें।
वेबीनार में मुख्यातिथि के तौर पर अपने संबोधन में डॉ. शमीम शर्मा ने कहा कि कोविड जैसी महामारी में हमें खुद को मानसिक रूप से मज़बूत करना ज़रूरी है क्योंकि आपको ध्यान रखना है कि सबकुछ फिर से ठीक होगा और पूरी दुनिया इस कोशिश में जुटी हुई है हमें बस धैर्य के साथ इंतज़ार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें अपने रिश्तों को मज़बूत करके छोटी-छोटी बातों का बुरा न मानकर एक-दूसरे से बातें करनी चाहिए। डॉ. शर्मा ने कहा कि प्रत्येक इंसान को हर प्रकार की बंदिशों को भूलाकर आजादीपूर्वक जीवन को जीना चाहिए। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान जब हम घर से बाहर नहीं निकल सकते थे तब हमें छत पर, खिड़की पर, बालकनी या घर के बगीचे में आकर खड़े होना सुहाता था क्योंकि सूरज की रोशनी से भी हमें अच्छा महसूस होता है। उन्होंने सभी को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि हमें एक उद्देश्य के साथ समय पर सोना, जागना, खाना-पीना और व्यायाम इत्यादि जरूर करना चाहिए ताकि जीवन में अनुशासन व नियम बन सकें। उन्होंने कहा कि जो समय इस महामारी के कारण हम इस्तेमाल नहीं कर पाए उसे अपनी हॉबी पूरी करने, मनपसंद काम जो समय न मिलने के कारण आप ना कर पाए उसे पूरा करने में बिताएं तो इससे बेहद ख़ुशी मिलेगी जैसे कोई अधूरी इच्छा पूरी हुई हो !अंत में प्रतिभागियों ने कोविड महामारी के ऊपर अनेक तरह के प्रश्न पूछे जिसका जवाब डॉ अमित नारंग ने बहुत ही संतुष्टि पूर्वक दिए !इस वेबीनार की कार्यक्रम संयोजक सहायक प्रोफेसर शिखा रहेजा की देखरेख में यह वेबीनार विधिवत् सम्पन्न हुआ।