New Session started with Hawan Ceremony
मंत्रोच्चारण के साथ हुआ जेसीडी कॉलेज ऑफ फार्मेसी के नए सत्र का शुभारंभ
अगर मेहनत आदत बन जाये तो कामयाबी मुक्कदर बन जाती है: डॉ शमीम शर्मा
सिरसा 28 अक्तूबर, 2021: जेसीडी विद्यापीठ में स्थापित जेसीडी कॉलेज ऑफ फार्मेसी में नए सत्र का शुभारंभ हवन यज्ञ के साथ हुआ ।जिसमें जेसीडी विद्यापीठ की प्रबंध निदेशक डॉ. शमीम शर्मा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत करते हुए मुख्य यजमान की भूमिका अदा की।इस मौके पर जेसीडी फार्मेसी कॉलेज के प्राचार्या डॉ. अनुपमा सेतिया सहित विद्यापीठ के अन्य महाविद्यालयों के प्राचार्य गण डॉ.जयप्रकाश ,डॉ. कुलदीप सिंह, डॉ. दिनेश कुमार गुप्ता, डॉ.अरिंदम सरकार, डॉ शिखा गोयल सहित डेंटल कॉलेज के डायरेक्टर डॉ. राजेश्वर चावला, जेसीडी विद्यापीठ कुलसचिव के सुधांशु गुप्ता व डॉ. प्रदीप कंबोज सहित कॉलेज के सभी स्टाफ सदस्य और विद्यार्थीयों ने भी हवन में आहुति डाली।
-
Hawan Ceremony -28/10/2021See images »
इस शुभ अवसर पर जेसीडी कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी के प्राचार्या डॉ अनुपमा सेतिया ने कहा कि जेसीडी कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी समय-समय पर शिक्षा के साथ-साथ अतिरिक्त पाठयक्रम गतिविधियों करवाता रहता है।विद्यार्थियों के जीवन अतिरिक्त गतिविधियां छात्रों के मानसिक एवं शारीरिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।डॉ.सेतिया ने फार्मेसी प्रोफेशन के बारे कहा कि फार्मेसी नोबल प्रोफेशन के साथ-साथ सदाबहार प्रोफेशन है।जिसमे फार्मेसी साइंटिस्ट चिकित्सा और अनुसंधान के क्षेत्र में नई-नई मॉलिक्यूल के खोज के साथ दवाई बनाने एवं नई-नई जानकारियां जुटाता है,जिससे कि वह मरीजों को अच्छी और सस्ती चिकित्सा मुहैया कराने में मददगार साबित हो सके।
इस शुभ अवसर पर जेसीडी विद्यापीठ के प्रबंध निदेशक डॉ शमीम शर्मा जी ने फार्मेसी विभाग के प्राचार्या के साथ समस्त शिक्षक गण एवं विद्यार्थियों को नए सत्र की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विद्यार्थी अपना लक्ष्य निर्धारित करके उनके हासिल करने की कोशिश करें। बगैर लक्ष्य निर्धारित किए कि गई मेहनत का कोई फायदा नहीं होता है। किसी भी कार्य के पीछे समय बहुत ही महत्व रखता है और उस कार्य पर किए जाने वाले परिश्रम के कारण ही ईश्वर हमारी मदद करता है। डॉ. शमीम शर्मा ने कहा कि सुख, शांति, आरोग्य एवं समृद्धि के लिए हम सब भगवान के नाम का स्मरण पूजा-पाठ इत्यादि करते हैं। अध्यात्मिक में सुख-सौभाग्य के लिए प्रतिदिन अथवा मुख्य अवसरों पर हवन करने को आवश्यक बताया गया है। जिस स्थान पर हवन किया जाता है, वहां उपस्थित लोगों पर तो उसका सकारात्मक असर पड़ता ही है साथ ही वातावरण में मौजूद रोगाणु और विषाणुओं के नष्ट होने से पर्यावरण भी शुद्ध होता है, शरीर स्वस्थ्य रहता है। क्योंकि हवन में काम में ली जाने वाली जड़ी बूटी युक्त हवन सामग्री, शुद्ध घी, पवित्र वृक्षों की लकड़ियां, कपूर आदि के जलने से उत्पन्न अग्नि और धुएं से वातावरण शुद्ध तो होता ही है, साथ मे नकारात्मक शक्तियां भी दूर भागती हैं।