Webinar on World No Tobacco Day
तंबाकू एक धीमा जहर है जो सेहत को करता है नष्ट : डॉ. ढींडसा
जेसीडी फार्मेसी कॉलेज में विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर जागरूकता के लिए हुआ वेबीनार
सिरसा 31 मई 2024: जेसीडी विद्यापीठ में स्थापित जेसीडी फार्मेसी कॉलेज में विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनर में जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक प्रोफेसर डॉ. कुलदीप सिंह ढींडसा ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की, इस वेबीनार के मुख्य वक्ता डॉ. मोहम्मद लकमानी, एम डी, डीएम, एआईआईएमएस, नई दिल्ली और फोर्टिस मोहाली के कार्डियक एनेस्थीसिया विभाग के एसोसिएट कंसल्टेंट रहे तथा इस प्रोग्राम की अध्यक्षता फार्मेसी कॉलेज की प्राचार्या डॉ. अनुपमा सेतिया द्वारा की गई। सर्वप्रथम डॉ. अनुपमा सेतिया ने मुख्यतिथी, मुख्यवक्ता, अतिथिगणों व विद्यार्थियों का स्वागत किया। डॉ. सेतिया ने बताया की इस वर्ष तंबाकू निषेध दिवस 2024 की थीम “बच्चों को तंबाकू उद्योग के हस्तक्षेप से बचाना” है।
अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक प्रो. डॉ. कुलदीप सिंह ढींडसा ने कहा पहले तो लोग तंबाकू शोक में चबाते हैं और बाद में यही तंबाकू आदत बनकर जान का दुश्मन बन जाता है। डॉक्टर ढींडसा ने कहा कि तंबाकू एक धीमा जहर है जो धीरे-धीरे व्यक्ति के स्वास्थ्य को नष्ट करता है। तंबाकू में निकोटीन और अन्य हानिकारक रसायन होते हैं, जो न केवल फेफड़ों और हृदय को प्रभावित करते हैं, बल्कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का भी कारण बनते हैं। तंबाकू का सेवन करने वाले लोग अक्सर श्वसन संबंधी समस्याओं, हृदय रोग और स्ट्रोक का शिकार होते हैं। यह जहर धीरे-धीरे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है, जिससे जीवन की गुणवत्ता और आयु कम हो जाती है। इसलिए, तंबाकू का सेवन रोकना और इससे बचना अत्यंत आवश्यक है ताकि स्वस्थ और सुखद जीवन जीया जा सके।
डॉक्टर ढींडसा ने कहा कि तमाम तंबाकू के पैकेट पर चित्र के साथ कैंसर जानलेवा होने की बड़ी-बड़ी चेतावनी भी लिखी होती है, बावजूद इसके लोग शोक में इस धीमें जहर को अपनी जिंदगी में आसानी से घोल रहे हैं जिसके लिए हम ऐसे सेमिनार्स का आयोजन कर सभी युवाओं को तंबाकू व अन्य व्यसन के दुष्प्रभाव से अवगत करवाते रहते हैं।
अपने संबोधन में मुख्यवक्ता डॉ. मोहम्मद लकमानी ने तंबाकू के दुष्प्रभावों पर विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि धूम्रपान करने से धमनियां कमजोर होने लगती हैं और कोरोनरी हार्ट डिजीज और स्ट्रोक हो सकता है। बीड़ी, सिगरेट और गुटखा आदि के सेवन से कई तरह की बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है।
डॉ. लकमानी ने कहा कि तंबाकू का सेवन हमारे स्नायु तंत्र तथा मस्तिष्क के सोचने की क्षमता को प्रभावित करता है। उन्होंने बताया की कुछ अध्ययनों में पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक स्तर पर बढ़े हार्ट अटैक के लिए धूम्रपान को भी एक संभावित कारक बताया गया है और अंत में सभी को तम्बाकू से दूरी बनाए रखने की शपथ दिलाई।
इस वेबीनार में जसीडी विद्यापीठ के कुलसचिव डॉ.सुधांशु गुप्ता, जेसीडी कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन के प्राचार्य डॉ.जयप्रकाश सहित अन्य स्टाफ सदस्य, विद्यार्थी एवं अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।