राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस
विज्ञान का प्रत्येक क्षेत्र में योगदान: डॉ. जय प्रकाश
जेसीडी फार्मेसी कॉलेज में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया गया।
14 मई सिरसा
जेसीडी विद्यापीठ में स्थापित फार्मेसी कॉलेज में हरियाणा स्टेट काउंसिल फॉर साइंस के सहयोग से राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया गया जिसका मुख्य उद्देश्य हमारे देश में विज्ञान और टेक्नोलॉजी सेक्टर में अभी तक हासिल की गईं उपलब्धियों को सम्मानित करना है। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक प्रोफेसर डॉ. जय प्रकाश रहे जबकि मुख्यवक्ता के तौर पर डॉ. राहुल तनेजा, साइंटिस्ट, पेटेंट इन्फोर्मेशन सेंटर, हरियाणा एवं डॉ. जमशेद हनीफ, असिस्टेंट प्रोफेसर, जामिया हमदर्द विश्विद्यालय, दिल्ली रहे। सर्वप्रथम फार्मेसी कॉलेज के प्राचार्य एवं इस कार्यक्रम के संयोजक डॉ. मोहित कुमार ने मुख्यातिथि एवं अन्य अतिथिगण का स्वागत किया।
इस मौके पर मुख्यवक्ता डॉ. राहुल तनेजा पेटेंट के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया पेटेंट किसी देश की तकनीकी आविष्कारशीलता और वाणिज्यिक गतिविधियों का रिकॉर्ड है। उन्होंने ट्रेड मार्क, कॉपीराइट एवं सर्विस मार्क आदि विषयों पर भी प्रकाश डाला।
इस कार्यक्रम के वशिष्ठ अतिथि डॉ. जमशेद हनीफ ने बताया कि कैसे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक और मशीन लर्निंग में उल्लेखनीय प्रगति दवा की खोज, निर्माण और दवा खुराक रूपों के परीक्षण में एक परिवर्तनकारी अवसर प्रस्तुत करती है।
इस कार्यक्रम के मुख्यातिथि एवं जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक प्रोफेसर डॉ.जयप्रकाश ने ‘राष्ट्रीय विज्ञान दिवस’ की बधाई देते हुए कहा कि जो टेक्नोलॉजी का जनक है और ज्ञान का भी जो विशिष्टतम रूप है वह विज्ञान है। उन्होंने कहा कि साइंस का विद्यार्थी बहुत जिज्ञासु प्रवृत्ति का होता है और इसी कारण बहुत सी खोजें संभव हो पाई हैं। उन्होंने सभी विद्यार्थियों को ज्यादा से ज्यादा रिसर्च करने के लिए प्रेरित किया ताकि वे देश को विज्ञान की उपलब्धियों से गौरवान्वित करवा सके। इस कार्यक्रम का हमारा लक्ष्य सामान्य व्यक्ति में भी विज्ञान और वैज्ञानिक चेतना विकसित करना है, जिससे वह वैज्ञानिक सूचना और नवाचारों से जुड़कर उसका लाभ उठा सकता है।
डॉ. जय प्रकाश ने कहा कि कोरोना काल में हमारे वैज्ञानिकों ने अपने नए अनुसंधानों से देश और दुनिया की जो मदद की है, वह अद्भुत है। कई दशक पहले की गई वैज्ञानिक खोज हो और जो गुजरते वक्त के साथ और भी प्रासंगिक होती जा रही हो तो उससे जुड़े वैज्ञानिकों को बार-बार याद करना जरूरी हो जाता है। उन्होंने कहा कि विज्ञान का प्रत्येक क्षेत्र में योगदान है फिर चाहे वह शिक्षा हो, चिकित्सा हो, तकनीकी हो या कोई भी अन्य क्षेत्र क्यों ना हो बिना विज्ञान आज प्रत्येक क्षेत्र अधूरा है।
इस अवसर पर विद्यार्थियों के लिए पोस्टर मेकिंग, प्रश्नोत्तरी, मॉडल प्रेजेंटेशन एवं रंगोली प्रतियोगिताएं का भी आयोजन किया गया तथा विजेताओं को मुख्यातिथि एवं अन्य अतिथियों द्वारा प्रशंसा पत्र एवं इनाम देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के सह-संयोजक रहे डॉ. लवलीन कौर ने सभी के समक्ष अपना धन्यवाद प्रस्ताव रखा।
इस मौके पर वशिष्ठ अतिथि डॉ. कुलवंत सिंह, डॉ. सुधांशु गुप्ता, विद्यापीठ के सभी संस्थाओं के प्राचार्यगण, डॉ. अमरीक गिल, डॉ. प्रदीप कंबोज, डॉ. रीटा सेठी, डॉ. गौरव खुराना सहित अन्य शिक्षक एवं गैर शिक्षक एवं सभी विद्यार्थी मौजूद रहे।