Webinar on Cancer at JCD College of Pharmacy
सिरसा 21जून 2021 : जेसीडी विद्यापीठ में स्थापित फार्मेसी कॉलेज मे गेटवेल ओनकॉलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से कैंसर बीमारी पर वेबीनार आयोजित किया गया जिसमें जेसीडी विद्यापीठ की प्रबंध निदेशक डॉ.शमीम शर्मा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की वेबीनार में डॉ.अर्नब भट्टाचार्जी, सलाहकार हेमेटो-ऑन्कोलॉजिस्ट मुख्य वक्ता रहे।
कॉलेज के प्राचार्या एवं इस वेबिनार के संयोजक डॉ. अनुपमा सेतिया ने सर्वप्रथम मुख्यअतिथि एवं मुख्य वक्ता का स्वागत किया । डॉ.सेतिया ने कई राज्यों से सभी शोधार्थियों एवं प्रतिभागियों का ऑनलाइन कार्यक्रम में जुड़ने पर आभार व्यक्त किया।
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Webinar on Cancer at JCD College of Pharmacy – 21-06-2021See images »
इस वेबिनार के मुख्यअतिथि डॉ.शमीम शर्मा ने कहा कैंसर नाम सुनते ही लोगों में खौफ बन जाता है। शरीर के विभिन्न हिस्सों में कैंसर हो सकता है। कई बार यह जानलेवा हो जाता है। अगर सही समय पर कैंसर की पहचान कर समय पर उसका उपचार शुरू कर दिया जाए, तो कैंसर ठीक हो जाता है। सही समय पर जांच अौर उपचार नहीं होने के कारण यह लाइलाज हो जाता है।
डॉ.शर्मा ने कैंसर मरीजों के बारे में कहा अब कैंसर से डरें नहीं, जानें और बचाव करें। कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसका नाम सुनते ही आम आदमी के होश उड़ जाते हैं। रोगी को मौत सामने दिखाई देती है। वह जिंदा रहने की उम्मीद ही छोड़ देता है। रोगी के साथ-साथ पूरा परिवार भीषण मानसिक परेशानी संत्रास से गुजरता है। लोगों को लगता है कि इसका कोई इलाज नहीं है। पर ऐसा नहीं है। अगर सही समय पर कैंसर की पहचान हो जाए और समय पर मरीज का इलाज शुरू हो जाए, तो वह ठीक हो सकता है। इसके लिए जरूरी है कि लोग कैंसर को जानें, उसे समझें और उसके लक्षणों को पहचान कर चिकित्सक से संपर्क करें।तंबाकू खाने वाले, धूम्रपान करने वाले, जंक फूड अधिक खाने वाले और शारीरिक व्यायाम से दूर रहने वाले लोगों में कैंसर का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा अनियमित दिनचर्या, असंतुलित खानपान और लगातार तनाव भी कैंसर का कारण बन सकते हैं। कैंसर से बचाव के लिए तीस मिनट का लगातार व्यायाम कैंसर को दूर रखने में मददगार है। इसके अलावा हरी सब्जियां, फल भी शरीर को स्वस्थ रखकर कैंसर का खतरा घटा सकते हैं।
वही इस वेबीनार के मुख्यवक्ता डॉ.अर्नब भट्टाचार्जी ने बताया कि सामान्य भाषा में कैंसर दरअसल शरीर की कोशिकाओं की अचानक वृद्धि होना है। जब शरीर के किसी अंग की कोशिकाओं में असामान्य रूप से बढऩे लगती हैं और इसके प्रभाव से अंग खराब होने लगते हैं, तो इसे कैंसर कहा जाता है। कैंसर शरीर में किसी भी स्थान पर हो सकता है। पर कुछ प्रकार के कैंसर के केस अधिक आते हैं। जैसे दुनिया भर में महिलाओं में स्तन कैंसर सबसे ज्यादा आम है। इसी तरह माउथ कैंसर, बोन कैंसर लीवर कैंसर के मरीज भी काफी संख्या में हैं।बिना चोट के हड्डी का टूटना, कम समय में अचानक सूजन तेज दर्द होने जैसे लक्षणों को गंभीरता से लें। यह बोन कैंसर का लक्षण हो सकता है। तत्काल डॉक्टर से जांच कराएं। जल्द डाइग्रोसिस होने से इसका उपचार हो सकता है।
डॉ.भट्टाचार्जी ने कहा कि कैंसर के सही लक्षणों की पहचान तो डॉक्टर ही कर सकता है। पर लगातार वजन घटना, बुखार का बना रहना, भूख में लगातार कमी, गले में खराश, थूक में खून आना, किसी घाव का लगातार बना रहना या सामान्य संक्रमण से बार-बार पीडि़त होना, ऐसे लक्षणों को गंभीरता से लेना चाहिए। ऐसे लक्षण आने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। स्तन कैंसर की जांच के लिए महिलाओं को घर पर ही अपने स्तन की बारीकी से जांच करनी चाहिए। स्तन में गांठ या किसी स्थान पर लगातार कड़ापन लगातार बना रहे, तो डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
कार्यक्रम के अंत में वेबीनार के आयोजन सचिव डॉ. विपन कुमार सहायक प्रोफेसर एवं मिस रेखा सिंह सीनियर प्रोडक्ट मैनेजर गेटवेल ऑंकोलॉजी गुरुग्राम ने अतिथिगण व प्रतिभागियों का धन्यवाद किया। इस वेबिनार मे सभी प्रतिभागियों को ई-प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।